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मन्त्रों की शक्ति जीवन को दिव्य बनाती है
पूज्य शंकराचार्य जी के सानिध्य में मन्त्र-अमृतं तत्वार्थ महोत्सव का शुभारम्भ हुआ
मन्दसौर। भारत की वैदिक संस्कृति ने हमें वह आध्यात्मिक विरासत सौंपीं है जिसके माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को सार्थक और दिव्य बना सकता है। ये उद्गार भानपुरा पीठ के शंकराचार्य स्वामी श्री ज्ञानानन्द जी तीर्थ महाराज ने व्यक्त किये।आप श्री बालाजी भक्तमण्डल द्वारा आयोजित मन्त्र अमृतं तत्वार्थ महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। आपने कहा कि हमारे शास्त्रों में वर्णित मंत्र मन के मेल को धोते हैं। हमें जीवन का वह दिव्य ज्ञान प्रदान करते हैं जिससे मनुष्यों में सदाचार,समर्पण,संयम,सत्संग व साधना के गुण सृजित होते हैं।शंकराचार्य जी ने रजोगुण, तमोगुण व सतोगुण की विस्तृत व्याख्या की। स्वामीजी ने कहा कि महत्व कागज का नहीं वरन उस पर लिखे मन्त्रों का होता है. हमारा जीवन तो कागज के ही समान है हमारी वैदिक विरासत व संस्कृति का ज्ञान ही जीवन को वास्तविक ऊर्जा प्रदान करता है। पूज्य शंकराचार्य जी ने नगर के गौरव अंतराष्ट्रीय भागवताचार्य गोलोकवासी प.मदनलाल जोशी शास्त्री का भी स्मरण किया व कहा कि प.जोशी की विद्वता का देश-विदेशों में सम्मान हुआ है। सोमनाथ विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ. नरेन्द्र भाई पण्ड्या ने कहा कि मन्त्रों की शक्ति ही मनुष्य के चंचल मन को संयमित करती है, मन्त्र शक्ति से जीवन के सभी चरणों व अवस्थाओं को सार्थक किया जा सकता है।यदि मनुष्य को अध्यात्म का ज्ञान प्राप्त हो जाए तो वह सभी दुखों को अपने विवेक से सहन कर सकता है। मन्त्रों से हमारे अंदर निहित प्रतिभा मुखर होती है। मन्त्रों के अमृत का पान कर एक संस्कारित समाज व सुदृढ़ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। मंत्र अमृतं तत्वार्थ महोत्सव की 8 दिवसीय व्याख्यानमाला के मुख्य वक्ता संस्कृत विश्वविद्यालय के आचार्य पुराण मर्मज्ञ प.हरेश भाई जोशी ने शुभारम्भ दिवस पर कहा कि प्रत्येक शब्द व अक्षर ब्रह्म है इसीलिए इनसे मन्त्र बनते हैं। हमारे शास्त्रों वेद,पुराण,भागवत, रामायण,गीता में वर्णित मन्त्रों को आत्मसात करने व आचरण में लाने से मनुष्य जीवन के हर चरण में सन्मार्ग प्राप्त होता है। आपने कहा कि आयु को तो हम योग प्राणायाम से दीर्घ बना सकते हैं किंतु शास्त्रों के ये मंत्र जीवन को दिव्य बनाते हैं। हम सब जीवन रूपी महाभारत के अर्जुन हैं हमारे अंदर के ही विकारों से हमें लड़ना है जिसकी शक्ति हमें ये मन्त्र ही प्रदान करते हैं भगवान श्री कृष्ण के मुख से गीता मन्त्रों के रूप में ही तो अवतरित हुई है। प्रसंगवश आचार्य हरेश भाई ने कहा कि वृक्ष में भगवान शिव का वास है । श्रीमद्भगवत गीता एक औषधि है।श्रद्धा के बिना कुछ भी प्राप्त नहीं किया जाता।
आरम्भ में श्री तलाई वाले बालाजी मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष प.धीरेन्द्र त्रिवेदी ने कहा कि युवा वर्ग में हमारी वैदिक संस्कृति व शास्त्रों का ज्ञान हो और नई पीढ़ी मन्त्रों की शक्ति को पहचाने व उन्हें आत्मसात कर अपने जीवन को सफल व सार्थक बनाए इसी उद्देश्य से व्याख्यानमाला का आयोजन भगवान श्री बालाजी की प्रेरणा से किया जा रहा है। आपने बताया कि प्रतिदिन सायंकाल 7 बजे से 9 बजे तक संजय उद्यान परिसर में आचार्य हरेश भाई जोशी मन्त्रों की व्याख्या करेंगे। श्री त्रिवेदी ने नगर व अंचल के श्रद्धालु महानुभवों से इस आयोजन का लाभ लेने का अनुरोध भी किया।
महोत्सव का शुभारम्भ मंचासीन विद्वतजनों ने श्री तलाई वाले बालाजी की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। पूज्य शंकराचार्यजी व अतिथि वक्ताओं का स्वागत पूर्व मंत्री व मन्दसौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति नरेन्द्र नाहटा,विधायक यशपालसिंह सिसोदिया,मदनलाल राठौर,प्रकाश रातड़िया, धीरेन्द्र त्रिवेदी,दिलीप जोशी,जयप्रकाश सोमानी,निरंजन अग्रवाल,धन्नालाल भगत,अशोक गुप्ता,गोपाल गोयल,भगीरथ हीवे,सुशील गुप्ता,महेश कट लाना,हरिओम सिंह तोमर , डॉ.घनश्याम बटवाल,नरेन्द्र अग्रवाल,गिरीश चन्द्र कटलाना, विकास आचार्य,मिलिन्द जिलेवार, संजय वर्मा,संजय लोढ़ा, विक्रम विद्यार्थी, ब्रजेश जोशी, डॉ. दीपक अग्रवाल,प्रो.अशोक अग्रवाल,सूरजमल गर्ग चाचा,विनोद मेहता,प.राधेश्याम शर्मा,पार्टनर,मोहनलाल शर्मा,जयप्रकाश बटवाल,राजेन्द्र चाष्टा, बंसीलाल टांक, राव विजय सिंह,गोपालकृष्ण पाटिल, महेश सोमानी, राजेन्द्र छाजेड़ नीलेश तिवारी,रमेशचन्द्र चन्द्रे,नन्दू भाई आडवाणी गोपालकृष्ण शर्मा एड.,शिवनारायण भावसार,अमृतकुमार पोरवाल,जोगेन्द्रसिंह तोमर,बलजीतसिंह नारंग, नाहरू भाई ,श्री कुरेशी, सुरेन्द्र दीक्षित,डॉ. राजकुमार गुप्ता,सुनील कतलाना,रमाशंकर शर्मा,प्रीतम पंचोली,विश्वास व्यास,मनीष व्यास,दिनेश तिवारी,रवींद्र पांडेय,अनिल पांडेय,दाऊ भाई विजयवर्गीय, हरिशंकर शर्मा,अर्जुनसिंह राठौर,कुशल मण्डवत,जगदीश शर्मा,क्षितिज पुरोहित,कृष्ण कुमार चिचानी आदि ने किया। श्री कृष्ण गोपाल सोमानी ने रामनाम लिखी तस्वीर शंकराचार्य जी को भेंट की। श्रीबालाजी भक्तमण्डल व हरिकथा आयोजन समिति द्वारा पूज्य शंकराचार्य जी व डॉ. पण्ड्या का शॉल श्रीफल भेंट कर सम्मान भी किया। संचालन ब्रजेश जोशी ने किया ,आभार जयप्रकाश सोमानी ने माना।